छठ पूजा की कहानी और महत्त्व 🌅
छठ महापर्व की कथा और इसकी परंपराएं जानिए, जो सूर्य भगवान की पूजा का त्योहार है।

Rekha Tanwar
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छठ पूजा की कहानी chath puja ki katha छठ महापर्व की कहानी #chhathpuja #rekhatanwar
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छठ पूजा की कहानी chath puja ki katha छठ महापर्व की कहानी #chhathpuja #rekhatanwarछठ पूजा एक प्राचीन महोत्सव है जिसे दिवाली के बाद छठे दिन मनाया जाता है। छठ पूजा को सूर्य छठ या डाला छठ के नाम से भी संबोधित किया जाता है। इसमें भगवान सूर्यदेव की पूजा होती छठ व्रत खासतौर पर पुत्र प्राप्ति के लिए किया जाता है। अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा से और छठ पूजा की व्रत कथा को सुनने से हर तरह की परेशानी दूर होती है, फिर समस्या सेहत से जुड़ी हुई क्यों न हो।
वैसे तो लोग उगते हुए सूर्य को प्रणाम करते हैं, लेकिन छठ पूजा एक ऐसा अनोखा पर्व है जिसकी शुरुआत डूबते हुए सूर्य की अराधाना से होती है। शब्द "छठ" संक्षेप शब्द "षष्ठी" से आता है, जिसका अर्थ "छः" है, इस लिए यह त्यौहार चंद्रमा के आरोही चरण के छठे दिन, कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष पर मनाया जाता है। कार्तिक महीने की चतुर्थी से शुरू होकर सप्तमी तक मनाया जाने वाला ये त्यौहार चार दिनों तक चलता है। मुख्य पूजा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के छठे दिन की जाती है।
#छठी_मैया #chhathkatha #chhathpujakikatha
छठी मैया की कहानी || chhathi maiya ki kahani || chhath mata ki katha || Chath vrat katha || chhath puja ki katha
Chhath Puja is on 26 October 2025.
This video is about a true story of chhathi maiya ke chamatkar. In this video the modern daughter in law does not believe in chhath mata ki Puja. The mother is law who is devotee of chhathi maiya, tells her a story of chhath mata where maiya gives life to a dead child. She does not believe in chhath mata ki puja. She experiences an event which creates her trust in Chhath mata. Let was watch chhathi maiya ki kahani to know what happened to the lady which made her believe in chhathi maiya.
Happy Chhath vrat 2025
यह वीडियो chhathi maiya ke chamatkar की एक सच्ची कहानी है। इस वीडियो में आधुनिक बहू छठ माता की पूजा में विश्वास नहीं करती है। मां जो छठी मइया की भक्त है, उसे छठ माता की कहानी बताती है जहां छठी मईया एक मृत बच्चे को जीवन देती है। वह एक घटना का अनुभव करती है जो छठ माता में उसका विश्वास पैदा करती है। आइए देखते हैं छठी मइया की कहानी | क्या है जिसने उसे छठी मइया पर विश्वास पैदा किया। ?
छठ माता जैसे आपने अनजान औरतों के रूप में आकर बूढ़ी अम्मा के पोते की रक्षा की, उसी प्रकार हम सबके परिवार की भी रक्षा करना
देवी षष्ठी को नमस्कार है. महादेवी को नमस्कार है. भगवती सिद्धि एवं शान्ति को नमस्कार है. शुभा, देवसेना एवं भगवती षष्ठी को बार-बार नमस्कार है. मूल-प्रकृति के छठे अंश से प्रकट होने वाली भगवती सिद्धा को नमस्कार है. माया, सिद्धयोगिनी, सारा, शारदा और परादेवी नाम से शोभा पाने वाली भगवती षष्ठी को बार-बार नमस्कार है. बालकों की अधिष्ठात्री, कल्याण प्रदान करने वाली, कल्याण स्वरुपिणी एवं कर्मों के फल प्रदान करने वाली देवी षष्ठी को बार-बार नमस्कार है. अपने भक्तों को प्रत्यक्ष दर्शन देने वाली तथा सबके लिये सम्पूर्ण कार्यों में पूजा प्राप्त करने की अधिकारिणी स्वामी कार्तिकेय की प्राणप्रिया देवी षष्ठी को बार-बार नमस्कार है. मनुष्य जिनकी वन्दना सदा करते हैं तथा देवताओं की रक्षा में जो तत्पर रहती हैं, उन शुद्ध सत्त्वस्वरुपा देवी षष्ठी को बार-बार नमस्कार है. सुरेश्वरि! तुम मुझे धन दो, प्रिय पत्नी दो और पुत्र देने की कृपा करो. महेश्वरि! तुम मुझे सम्मान दो, विजय दो और मेरे शत्रुओं का संहार कर डालो. धन और यश प्रदान करने वाली भगवती षष्ठी को बार-बार नमस्कार है. सुपूजिते! तुम भूमि दो, प्रजा दो, विद्या दो तथा कल्याण एवं जय प्रदान करो. तुम षष्ठीदेवी को बार-बार नमस्कार है. जय छठ माता
जय छठी मैया हैप्पी छठ व्रत 2025
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वैसे तो लोग उगते हुए सूर्य को प्रणाम करते हैं, लेकिन छठ पूजा एक ऐसा अनोखा पर्व है जिसकी शुरुआत डूबते हुए सूर्य की अराधाना से होती है। शब्द "छठ" संक्षेप शब्द "षष्ठी" से आता है, जिसका अर्थ "छः" है, इस लिए यह त्यौहार चंद्रमा के आरोही चरण के छठे दिन, कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष पर मनाया जाता है। कार्तिक महीने की चतुर्थी से शुरू होकर सप्तमी तक मनाया जाने वाला ये त्यौहार चार दिनों तक चलता है। मुख्य पूजा कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष के छठे दिन की जाती है।
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Chhath Puja is on 26 October 2025.
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छठ माता जैसे आपने अनजान औरतों के रूप में आकर बूढ़ी अम्मा के पोते की रक्षा की, उसी प्रकार हम सबके परिवार की भी रक्षा करना
देवी षष्ठी को नमस्कार है. महादेवी को नमस्कार है. भगवती सिद्धि एवं शान्ति को नमस्कार है. शुभा, देवसेना एवं भगवती षष्ठी को बार-बार नमस्कार है. मूल-प्रकृति के छठे अंश से प्रकट होने वाली भगवती सिद्धा को नमस्कार है. माया, सिद्धयोगिनी, सारा, शारदा और परादेवी नाम से शोभा पाने वाली भगवती षष्ठी को बार-बार नमस्कार है. बालकों की अधिष्ठात्री, कल्याण प्रदान करने वाली, कल्याण स्वरुपिणी एवं कर्मों के फल प्रदान करने वाली देवी षष्ठी को बार-बार नमस्कार है. अपने भक्तों को प्रत्यक्ष दर्शन देने वाली तथा सबके लिये सम्पूर्ण कार्यों में पूजा प्राप्त करने की अधिकारिणी स्वामी कार्तिकेय की प्राणप्रिया देवी षष्ठी को बार-बार नमस्कार है. मनुष्य जिनकी वन्दना सदा करते हैं तथा देवताओं की रक्षा में जो तत्पर रहती हैं, उन शुद्ध सत्त्वस्वरुपा देवी षष्ठी को बार-बार नमस्कार है. सुरेश्वरि! तुम मुझे धन दो, प्रिय पत्नी दो और पुत्र देने की कृपा करो. महेश्वरि! तुम मुझे सम्मान दो, विजय दो और मेरे शत्रुओं का संहार कर डालो. धन और यश प्रदान करने वाली भगवती षष्ठी को बार-बार नमस्कार है. सुपूजिते! तुम भूमि दो, प्रजा दो, विद्या दो तथा कल्याण एवं जय प्रदान करो. तुम षष्ठीदेवी को बार-बार नमस्कार है. जय छठ माता
जय छठी मैया हैप्पी छठ व्रत 2025
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0:05
Published
Oct 23, 2025
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