लोहा जंग लगने का विद्युत-रासायनिक सिद्धांत 🧪
लोहे में जंग लगने की प्रक्रिया में ऑक्सीकरण एनोड पर और अपचयन कैथोड पर होता है।
Mithilesh Kumar Pande
14 views • Oct 29, 2024
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लोहे में जंग लगने के विद्युत-रासायनिक सिद्धांत के अनुसार, ऑक्सीकरण प्रतिक्रिया एनोड पर होती है और अपचयन प्रतिक्रिया कैथोड पर होती है। -एनोड पर लोहा फेरस आयनों में ऑक्सीकृत हो जाता है और मुक्त होने वाले इलेक्ट्रॉन कैथोड की ओर चले जाते हैं। -कैथोड पर, हाइड्रोजन आयन वायुमंडल में मौजूद नमी से लिए जाते हैं।<br />लोहे में जंग लगना एक रासायनिक परिवर्तन है. यह तब होता है जब लोहा, ऑक्सीजन, और पानी के संपर्क में आता है. जंग लगने की वजह से लोहे में ऑक्सीकरण होता है और इलेक्ट्रॉनों की हानि होती है. जंग लगने से लोहे की वस्तुएं नष्ट हो जाती हैं.<br />लोहे में जंग लगने से जुड़ी जानकारी<br />लोहे पर बनने वाला लाल-भूरा पदार्थ, जिसे जंग कहते हैं<br />रसायनिक सूत्र<br />4Fe + 3O2 + 6H2O → 4Fe(OH)3<br />कारण<br />नम हवा में लोहे की वस्तुएं ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करती हैं<br />रोकने का तरीका<br />लोहे को तेल या पेंट से ढककर रखें, या फिर लोहे पर ग्रीस या ज़िंक की परत चढ़ाएं<br />कैथोडिक सुरक्षा<br />लोहे को मैग्नीशियम या ज़िंक जैसी ज़्यादा सक्रिय धातु से जोड़कर जंग से बचाया जा सकता है<br />लोहे में जंग लगने से जुड़ी कुछ और बातेंः<br />जंग लगने से लोहे का धीरे-धीरे क्षरण होता है. <br />जंग लगने से लोहे में रासायनिक बदलाव होता है, जिसे वापस शुद्ध लोहे में नहीं बदला जा सकता. <br />#chemistey #electrochemistry #बोर्डएग्जामटिप्स <br />
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4:03
Published
Oct 29, 2024
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